कृपाया फ़ोटो भी भेजे On 17-Jan-2018 11:46 PM, "Adivasi Ekta Parishad" < adivasiektaparishad....@gmail.com> wrote:
> जानने व समझने के लिए जरूर पढ़िए !! > > > > > > जानने व समझने के लिए जरूर पढ़िए !! > > आपकी जय ! आदिवासी एकता परिषद का 25 वा आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन > सफलतापूर्वक संपन्न हुआ । > > महासम्मेलन का संक्षिप्त वर्णन इस प्रकार है:-- > > > > 1)⏩ आदिवासी सांस्कृतिक एकता यात्रा :-- देश के अलग अलग राज्य से यह यात्रा > निकलकर महासम्मेलन में आकर समाहित हुई । मध्य प्रदेश राज्य के दो अलग-अलग > स्थानों से दिनांक 5 जनवरी 2018 को क्रांतिकारी शहीद जननायक टंट्या भील की > जन्मस्थली ग्राम बड़ौदा अहिर, तहसील पंधाना, जिला खंडवा (मध्य प्रदेश)एवं 9 > जनवरी 2018 रतलाम से प्रारंभ हुई । दोनों यात्राओं ने मिलकर लगभग दौ सौ गांव > के लोगों से संवाद स्थापित करते हुए प्रकृति व आदिवासी संस्कृति बचाने का > संदेश देने के साथ ही सभी आदिवासियों को एकता के सूत्र में बांधने का आह्वान > किया गया । यह यात्रा मध्य प्रदेश के 8 तथा गुजरात के 3 जिलों से होकर > गुजरी। इसी प्रकार दिनांक 12 व 13 जनवरी 2018 को देश के कई इलाकों से > "आदिवासी सांस्कृतिक एकता यात्रा" चार पहिया वाहन व दो पहिया वाहन से निकाली > गई । जिसमें प्रमुख रुप से मध्यप्रदेश के भंवरगढ़ (सेंधवा),खरगोन, रतलाम, > झाबुआ, अलीराजपुर,बैतुल, बुरहानपुर,खंडवा आदि ,महाराष्ट्र के जलगांव, धुलिया, > नाशिक, साक्री, पालघर, अक्कलकुवा, नंदुरबार आदि , दादरा नगर हवेली के > सिलवासा एवं राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर ,उदयपुर, साबरकांठा आदि तथा > गुजरात के छोटाउदयपुर, तापी, नर्मदा, धर्मपुर,बरूच आदि स्थानों से हजारों की > संख्या में टू व्हीलर एवं फोर व्हीलर वाहन लेकर कार्यकर्ता महासम्मेलन में > शामिल होने हेतु निकले । इससे आदिवासी समाज एवं गैर आदिवासी समाज में एक संदेश > गया कि आदिवासी समाज इकट्ठा हो रहा है । > > > > 2)⏩ आदिवासी प्रदर्शनी :-- दिनांक 13 जनवरी 2018 प्रातः 10:00 बजे आदिवासी > प्रदर्शनी का 15 राज्यों के प्रतिनिधि एवं इंडोनेशिया के प्रतिनिधि की > उपस्थिति में उद्घाटन किया गया । इस प्रदर्शनी में आदिवासी समाज की रीति रिवाज, > परंपरा, संस्कृति, कृषि, पूजा पाठ तथा जीवन में उपयोग आने वाली उन सारी > वस्तुओं को प्रदर्शनी में लगाया गया ।महासम्मेलन मे आने वाला समाज प्रदर्शनी > को देखकर आश्चर्यचकित हो रहा था और आदिवासी समाज के बारे में सारी जानकारियां > मिली । > > > > 3) महिला परिसंवाद :-- दिनांक 13 जनवरी 2018 को प्रातः 10:30 बजे से महिलाओं > परिसंवाद की शुरुआत हुई । इस परिसंवाद में प्रदेश के 10 राज्यों की महिला > प्रतिनिधियों ने भाग लिया । इस सभा को एलीना होरो (झारखंड), कीर्ति वर्धा > (महाराष्ट्र), सुनीता बहन (दादरा नगर हवेली), दमयंती बहन चौधरी (गुजरात), वासवी > कीड़ों (झारखंड) ममता कुजूर (छत्तीसगढ़ ),बवानी कुलवंदा (आंध्र प्रदेश) > यंगझूम डोलकाट (जम्मू एंड कश्मीर), अन्नु कुजूर (दिल्ली ),टीना दोषी (गांधी > लेबर इंस्टिट्यूट अहमदाबाद), समता संस्था के प्रमुख रवि भाई (जिन्होंने > आदिवासियों के लिए सर्वोच्च न्यायालय से 1997 में एक ऐतिहासिक न्याय "समता > जजमेंट" को आदिवासियों के हित में करवाने में अहम योगदान दिया था ),हेमलता > कटारा, डॉ राधा डामोर, सारा (इंडोनेशिया) आदि महिला प्रतिनिधियों महिला > सशक्तिकरण, महिलाओ को संगठित करना, स्वावलंबन, आदिवासियों के वैचारिक आंदोलन > मे महिलाओं का योगदान आदि विषयों पर अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर उर्मिला > खर्ते व अनीता सोलंकी द्वारा प्रेरणादाई गीत भी प्रस्तुत किया गया। महिला > परिसंवाद की अध्यक्षता आदिवासी एकता परिषद के अध्यक्ष मंडल के सदस्य आप साधना > बहन मीणा द्वारा की गई। संचालन सोनल बहन राठवा तथा सुमित्रा बहन वसावा व आभार > मीनाबेन वसावा द्वारा किया गया । > > > > 4)⏩आदिवासी साहित्यकारों का परिसंवाद :-- दिनांक 13 जनवरी 2018 को दोपहर 3:00 > बजे से 6:30 बजे तक देश के प्रसिद्ध आदिवासी साहित्यकारों की उपस्थिति में > साहित्य सम्मेलन संपन्न हुआ । इस परिसंवाद में देश के जाने-माने साहित्यकारों > ने भाग लिया । जिसमें प्रमुख रुप से डॉक्टर आनंद भाई वसावा (गुजरात), डॉक्टर > लालू भाई वसावा (गुजरात) ,सुनील गायकवाड (महाराष्ट्र ), एपो उरांव (आंध्र > प्रदेश ), प्रोफेसर शंकर कहार (उड़ीसा), प्रोफेसर विपीन जोजो ,मुंबई > (महाराष्ट्र), वासवी किड़ो (झारखंड),प्रोफेसर रेखा वास्कले (मध्य प्रदेश ),अर्जुन > राठवा (गुजरात), आदि साहित्यकारों ने आदिवासी साहित्य की यात्रा, दशा एवं > दिशा, आदिवासियों का मौखिक साहित्य, आदिवासी साहित्य का इतिहास, आदिवासी > समाज एवं पत्र पत्रिकाएं आदि विषयों पर अपने अपने विचार प्रकट किये एवं देश के > सभी आदिवासी साहित्यकारों को एक मंच पर लाने की बात कही। इस सम्मेलन की > अध्यक्षता आदिवासी एकता परिषद के संस्थापक सदस्य वाहरू सोनवणे द्वारा की गई > संचालन कनु भाई राठवा द्वारा किया गया । > > > > 5)⏩ बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम:-- दिनांक 13 जनवरी 2018 को शाम 9:00 > बजे से स्कूल, कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों द्वारा 20 के लगभग > मनमोहक आदिवासी संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। > जिसमें आसाम का बिहू नृत्य, जम्मू कश्मीर का आदिवासी नृत्य, नेपाल का > आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति भी विशेष रुप से आकर्षण का केंद्र रहा । इस > कार्यक्रम का संचालन सुमित्रा वसावा, मीनाबेन वसावा तथा डॉक्टर राधा डामोर > द्वारा किया गया । > > > > 6)⏩आदिवासी सांस्कृतिक एकता महारैली:-- दिनांक 14 जनवरी 2018 को प्रातः 11:00 > बजे से आदिवासी सांस्कृतिक एकता महारैली की शुरुआत नांदु राजा के स्टेच्यु पर > फूल माला पहनाकर इस महारैली की शुरुआत की गई। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ > में आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधित्व करने वाले नेपाल के फूलमन चौधरी, आदिवासी > एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष मंडल के सभी सदस्य तथा भरत भाई वसावा, भारती > वसावा सहित 15 राज्यों एवं दो देशों के प्रतिनिधि उपस्थिति आदिवासियों की > एकता को इंगित कर रही थी । इस महारैली में देश के 15 राज्यों की लगभग 40 > सांस्कृतिक नृत्य दल एवं एक नेपाल का नृत्य दल नाचते व झूमते हुए महारैली की > शोभा बढ़ा रहे थे । महारैली में छोटे बड़े मिलाकर 30 ढोल सहित तूर, तारपा, > दौवड़ा, मांदल, कुंडी, बांसुरी आदि आदिवासियों के मूल वाद्य यंत्र भी चार > चांद लगा रहे थे । इस अवसर पर अधिकांश कार्यकर्ता अपनी अपनी पारंपरिक वेशभूषा > में शामिल हुए । महाराष्ट्र की महिलाएं लेजिम के साथ में चल रही थी । यह > महारैली 5 किलोमीटर लम्बी थी। 7)⏩ महासम्मेलन का उद्घाटन:-- दिनांक 14 जनवरी > 2018 को दोपहर 1:00 बजे आदिवासी सांस्कृतिक एकता महारैली पांडाल में प्रवेश > किया, पंडाल में मौजूद हजारों कार्यकर्ताओं ने खड़े होकर तालियों की > गड़गड़ाहट से इस महारैली का स्वागत किया । महारैली प्रकृति की सीधे हाथ से > नाचते-गाते व झूमते हुए गगनभेदी नारे लगाते हुए पांडाल की परिक्रमा करने के > उपरांत महासम्मेलन के विधिवत उद्घाटन हेतु आदिवासी एकता परिषद के संस्थापक > सदस्य सांगलिया भाई वलवी के नेतृत्व एवं नरसिंग भाई वसावा (आदिवासी पुजारी) को > मंच के सामने आमंत्रित किया गया। संस्थापक एवं अध्यक्ष मंडल के सदस्यों की > उपस्थिति मे पूजा विधी सम्पन्न हुई। जिसमें पंचतत्व एवं अन्न की पूजा की गई । > पूजा अर्चना के तुरंत बाद महाराष्ट्र की आशा नाईक व उनकी टीम द्वारा धरती माता > की वंदना अपनी सुरीली आवाज में प्रस्तुत की गई । इसके तुरंत पश्चात आदिवासी > एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष कालूराम धोदड़े तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष > शिवभानुसिंह मंडलोई जी को मंच पर बुलाया गया । उनकी उपस्थिति में 25वें > महासम्मेलन की अध्यक्षता हेतु जीवराज जी डामोर (राजस्थान) के नाम का प्रस्ताव > गंगाराम मीणा (राजस्थान) द्वारा रखा गया जिसका समर्थन भरत भाई वसावा (गुजरात) > द्वारा किया गया । मंच पर आदिवासी एकता परिषद के संस्थापक एवं अध्यक्ष मंडल के > सदस्यों को बुलाया गया । साथ ही साथ पांचों राज्यों के आदिवासी समाज के सक्रिय > सदस्यों एवं देश भर से आए हुए अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों सहित > जनप्रतिनिधियों को भी मंच पर आमंत्रित किया गया। नेपाल, इंडोनेशिया एवं > संयुक्त राष्ट्र संघ के आदिवासी प्रतिनिधि को भी मंच पर आमंत्रित किया गया । > उनकी उपस्थिति में महासम्मेलन की थीम "आदिवासी जोड़ो ,भारत जोड़ो" जिसे दो > चित्रकार गौसा पेंटर व कांति पेंटर द्वारा अपने अपने दृष्टिकोण से तैयार किया > था । उनके द्वारा थीम के बारे में दो-दो मिनट में बात रखी गई । तत्पश्चात > आदिवासी साहित्य का विमोचन किया गया। जिसमें प्रमुख रुप से 24वे महासम्मेलन > की CD -जेैलसिंह पावरा, आदिवासी एकता परिषद के 25 वर्ष-- सांगलिया भाई वलवी, > आदिवासी > कैलेंडर-- आदिवासी बचाव कृती समिती नाशिक (महाराष्ट्र ),महुआ के गुण-- वासवी > किड़ो,आदिवासी योध्दा भीमानायक,(मूवी, पोस्टर) जयस,आदिवासी घडी़ , मुकेश बिरवा, > आदिवासी भारत (मासिक पत्रिका)--जितेंद्र वसावा सहित जेसी अंथोनी, अनु कुजूर, गौसा > व कांति पेंटर आदि द्वारा रचित एवं बनाए गये साहित्य का विमोचन भी इस अवसर पर > किया गया । > > > > 8)⏩ महासम्मेलन मे उपस्थित लाखों लोगों को कई युवाओं एवं वरिष्ठ > कार्यकर्ताओं द्वारा संबोधित किया गया । जिसमें 15 राज्य, 2 देशों सहित > संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधि भी शामिल है । स्वागत भाषण--डॉक्टर शांतिकर > वसावा, आदिवासी एकता परिषद की भूमिका -- सांगलिया भाई वलवी, आदिवासी > संस्कृति एवं जीवन मूल्य --वाहरू सोनवणे, मुख्यधारा के विकास का आदिवासी > समाज पर प्रभाव-- ममता कुजूर, आजादी की लड़ाई में आदिवासियों का योगदान-- > डोंगरभाऊ बागुल, प्राकृतिक संसाधन एवं आदिवासी समाज का स्वावलंबन-- जितेंद्र > वसावा, आदिवासियों के संवैधानिक प्रावधान पांचवी और छठी अनूसची के विशेष > संदर्भ मे-- प्रभु भाई टोक्या के अतिरिक्त विनय कुमार (दादरा नगर हवेली) ,सुनील > गायकवाड (महाराष्ट्र), राजेश भाई कन्नौजे( मध्य प्रदेश), लालसिंह पारगी > (गुजरात), मुकेश बिरवा (झारखंड),बिदु सोरेन (उड़ीसा ),डेविड बुरूड़ी (आंध्रा- > तेलंगाना), अन्नु कुजूर (दिल्ली) दिनेश कुमार चौहान (आसाम), सोनम सुपारी > (जम्मू कश्मीर), आदिवासी एकता परिषद संस्थापक अध्यक्ष-- कालूराम धोदड़े, पूर्व > अध्यक्ष-- शिवभानु सिंह मंडलोई , भंवरलाल परमार (राजस्थान) ,विजय मछार > (गुजरात ),अशोक भाई चौधरी (महासचिव ,आदिवासी एकता परिषद ) ,झूमा सोलंकी > (विधायक, मध्य प्रदेश) ,महेश भाई छोटू भाई वसावा (विधायक गुजरात) आदि > वक्ताओं ने अपने अपने राज्य में आदिवासियों की स्थिति, संघर्ष एवं > आदिवासियों एकता के सूत्र में बनाने बांधने मे आदिवासी एकता परिषद की भूमिका > पर अपनी अपनी बात रखी। इस अवसर पर जगन भाई (गुजरात) ,चंपालाल बड़ोले (मध्य > प्रदेश), भीम सिंह पवार, संतोष पावरा (महाराष्ट्र )आदि ने आदिवासी > प्रेरणादायक गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां गाकर सभा में समा बांधा । > > > > 9)⏩ सांस्कृतिक कार्यक्रम :-- 25वें आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन के > ऐतिहासिक अवसर पर देश एवं विदेश से आए हुए आदिवासी कलाकारों द्वारा 82 > सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर पंडाल में उपस्थित लाखों > कार्यकर्ताओं का मन मोह लिया । जिसमें प्रमुख रुप से आसाम का बिहू नृत्य, जम्मू > कश्मीर का आदिवासी नृत्य ,नेपाल का आदिवासी नृत्य, गुजरात का विश्व प्रसिद्ध > डांग नृत्य, महाराष्ट्र का डोंगरिया देव नृत्य, दादरा नगर हवेली व > महाराष्ट्र का तारपा नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा । इसी सत्र में MY TV > द्वारा > निर्मित "आदिवासियों का इतिहास", "नार्वे के सौम्या समुदाय की आदिवासी संसद", > जयस द्वारा निर्मित "आदिवासी योद्धा भीमा नायक" टेली फिल्म भी प्रदर्शित की > गई । सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत पहले इस ऐतिहासिक महासम्मेलन के आयोजन के > लिए गुजरात राज्य के कार्यकर्ताओं को मंच पर बुलाकर तालियों की गड़गड़ाहट से > सम्मान किया गया एवं आभार व्यक्त किया गया । इसके साथ ही "आदिवासी ससांस्कृतिक > एकता यात्रा" में अपना पूरा समय देने वाले कार्यकर्ताओं को भी मंच पर बुलाकर > तालियां बजाकर स्वागत सम्मान व आभार व्यक्त किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम > का संचालन डॉ राधा डामोर, सुमित्रा बहन वसावा, धर्मेंद्र बोरसे ,एल एन पाड़वी, > दरबारसिह पाड़वी, जेल सिंह पावरा, दामू ठाकरे आदि ने किया ।अनुशासन समिति के > रूप में सी के पाड़वी, अनिल रावत, भूपेंद्र भाई चौधरी, लालसिंह गामित, धनेश > ठाकरे, अरविंद कोटेड़, नीलेश भाई पटेल,मगनसिंह बघेल आदि ने निभाई । > > > > 10)⏩युवा सत्र :--दिनांक 15 जनवरी 2018 को "विशेष युवा सत्र "का आयोजन किया > गया । जिसमें "युवाओं की अपेक्षाएं, चुनौतियां एवं दायित्व" विषय पर कई > युवाओं ने अपनी बात रखी । जिसमें प्रमुख रुप से अश्विन वसावा, कृती वसावा > (गुजरात), नक्ताराम भील (राजस्थान), सचिन सातवी (महाराष्ट्र ),सुनील वास्कले > (मध्यप्रदेश) मुकेश बिरवा (झारखंड ),दिनेश कुमार चौहान (आसाम) ,कैलाश वसावा > (महाराष्ट्र), रणजीत गायकवाड (महाराष्ट्र), डॉक्टर रमेश चौहान , डॉक्टर के > एस डामोर (मध्य प्रदेश) सहित लगभग 20 से 25 युवाओं ने अपनी बात रखी । देश के > आदिवासियों को एकता के सूत्र में बांधनी में आदिवासी एकता परिषद की भूमिका पर > जोर दिया। युवा सत्र का संचालन डॉ सुनील पराड़ ( पालघर, महाराष्ट्र) द्वारा > किया गया । > > > > 11)⏩ संगठन व समापन सत्र :-- इस ऐतिहासिक महासम्मेलन के अंतिम सत्र के रूप > में संगठन व समापन सत्र दिनांक 15 जनवरी 2018 को दोपहर 3:00 बजे से प्रारंभ > हुआ एवं शाम 5:30 बजे तक चला । जिसमें देश विदेश से आए हुए कई कार्यकर्ताओं > ने आदिवासी एकता परिषद के कार्यक्रमों के बारे में अपने अपने सुझाव दिये। > आदिवासी एकता परिषद के द्वारा कुछ कार्यक्रमों की घोषणा संगठन सत्र में की गई > जिसमें प्रमुख रुप से हर राज्य में "राज्य स्तरीय आदिवासी सांस्कृतिक एकता > महासम्मेलन" का आयोजन किया जाएगा । इस महासम्मेलन के अध्यक्षता करने वाला > व्यक्ति उस प्रदेश का साल भर के लिए प्रदेश अध्यक्ष होगा । तत्पश्चात > राष्ट्रीय तर्ज पर राज्य स्तर पर अध्यक्ष मंडल का सदस्य होगा । 9 अगस्त को > "विश्व आदिवासी दिवस समारोह" मनाना, क्रांतिकारियों,महापुरुषों तथा शहीदों > की जयंतियां व स्मृती दिवस मनाना, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज > जागरण करना, नेतृत्व निर्माण हेतु शिविर का आयोजन करना, वृक्षारोपण को > बढ़ावा देना तथा आदिवासियों की स्थिति को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सभी > राज्यों के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्रियों को खत लिखा जाएगा । शेष कार्यक्रमों > की घोषणा अध्यक्ष मंडल की मीटिंग में चर्चा उपरांत घोषित किए जाएंगे । > > > > 12)⏩ महासम्मेलन के उद्घाटन सत्र में गुजरात राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर का > आदिवासियों के हित के विरोध में जाकर कार्य करने के लिए पांडाल में उपस्थित > कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध दर्ज किया गया । आयोजकों द्वारा इसे रोकने का > प्रयास किया गया किंतु लोगों द्वारा आक्रोश में आकर उनके वाहन को नुकसान > पहुंचाया गया । यह हमारे लिए ठीक नहीं है, क्योंकि आदिवासी एकता परिषद "एक > वैचारिक आंदोलन है" जो हिंसा में विश्वास नहीं करता है । महासम्मेलन में हुई > इस घटना पर आदिवासी एकता परिषद के महासचिव द्वारा मंच से सार्वजनिक रूप से > माफी मांगी एवं खेद व्यक्त किया । > > > > 13)⏩आदिवासी एकता परिषद के 25 वे आदिवासी सांस्कृतिक एकता महासम्मेलन को सफल > बनाने में सभी राज्यों के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप > से सहयोग करने एवं भागीदारी निभाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा एवं आभार > व्यक्त करते हैं। > -- > > http://www.adivasiektaparishad.org/ > > -- > Learn More about AYUSH online at : http://www.adiyuva.in/2013/10/ > ayush.html > --- > You received this message because you are subscribed to the Google Groups > "AYUSH | adivasi yuva shakti" group. > To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an > email to adiyuva+unsubscr...@googlegroups.com. > To post to this group, send email to adiyuva@googlegroups.com. > Visit this group at https://groups.google.com/group/adiyuva. > To view this discussion on the web visit https://groups.google.com/d/ > msgid/adiyuva/CAMrDCLks6OGugU--%2B5iyU2QjJiOVnG% > 2BOZjQ2OhWoCW9DZzp05w%40mail.gmail.com > 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