हम विकास, तकनीक के ख़िलाफ़ नहीं हैं



तेज़ी से हो रहे शहरीकरण से कई जनजातियों के अस्तित्व और उनकी संस्कृतियों को
खोने का डर भी बढ़ा है. उनके पेड़ों और जंगलों को तबाह किया जा रहा है. वर्ली
जनजाति लोग अधिकतर महाराष्ट्र और गुजरात में रहते हैं और एक जैसी मुश्किलें
झेल रहे हैं.



ये जनजाति कई पीढ़ियों से अपनी कहानियां कला के ज़रिए बता रही है. इसलिए जब
बीबीसी ने उनसे उनकी समस्याओं के बारे में पूछा तो वो इसे एक बार फिर कला के
ज़रिए बताने को राज़ी हुए.

ये फ़िल्म वर्चुअल रियलिटी (VR) है. वारली आर्टिस्ट राजेश वांगड़ ने VR हेडसेट
का इस्तेमाल कर अपनी कहानी थ्रीडी पेंटिंग के ज़रिए बताई.



उन्होंने कहा, ''मैंने VR के ज़रिए कहानी बताने की कोशिश की. मैं साबित करना
चाहता हूं कि हम विकास या तकनीक के ख़िलाफ़ नहीं हैं. हम बस इतना चाहते हैं कि
हमें तय करने दिया जाए कि हम क्या चाहते हैं और क्या नहीं.''
https://youtu.be/IJLZ3TWpwSs



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जल जंगल जमीन जीव जोहार!

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