On Wednesday, December 17, 2014 10:04:17 AM UTC+5:30, AYUSH Adivasi Yuva 
Shakti wrote:
>
> For your information...
>  
>  
> मुंबई-वदोदरा एक्सप्रेस हायवे (60-100मी.चौडा,2000-2500 एकड खेती,जंगल और 
> आदिवासी बस्तियों को चौपट कर देगा), बुलेट ट्रेन (जमीन के नीचे 80ft और कई 
> मीटर चौड़ी सुरंग बनाकर जाएगी,उसके उपर के मकान,बोरवेल,कुए,झरने सुख 
> जाएंगे,जलस्तर में कभी न भरनेवाली गिरावट आएगी,जमीन बंजर बनेगी), स्पेशल 
> मालवाहक रेल्वे लाईन 50-60 मीटर चौड़ी हजारों एकड जमीन,जंगल खेती,बस्ती ध्वस्त 
> कर देगी,सुसरी डॅम में 13 हरेभरे गावों की जमीन,जंगल,खेती और आदिवासी बस्ती 
> डुब जाएगी,ऐसे 5-10 डॅम बनाने की योजनाए तैयार है।ईस सुजलाम सुफलाम क्षेत्र 
> के आदिवासीयों का पुनर्वसन"लातुर" जैसे बंजर,भूकंपग्रस्त और सूखाग्रस्त जिले 
> में सरकार करना चाहती हैं,क्या आदिवासी वहाँ जी पाएगा ?? ईन डॅम मे जमा पानी 
> बुंदभर भी किसानों को नहीं मिलेगा सब पानी नदीजोड प्रोजेक्ट के माध्यम से 
> मुंबई जैसे शहरों में बेचा जाएगा । पुराने डॅमों की हाईट 10-30 फुट तक बढाई 
> जाने को मंजूरी दी गई है। आदिवासीयों की जमीन छिन कर बनाए हुए दापचरी डेअरी 
> प्रोजेक्ट की 15000 एकड की जमीन पर मुंबई में प्रदुषन की वजह से बंद किया गये 
> कारखाने आने को सहमति दी गई है,जिसके लिए रिलायंस थर्मल पॅावर स्टेशन से 
> स्पेशल बिजली की लाईन का काम डहाणु -धुंदलवाडी रोड के किनारे चालु है। वहाँ 
> इंडस्ट्रीयल कॅारिडोर बनने जा रहा है। दो नयी गॅस पाइप लाईनें और उनके बाजु 
> में दो सर्विस रोड बनेंगे,दो पाईप लाईनें पहले ही बन चुकी हे । इसके लिए भी 
> हजारों एकड की खेती,जंगल,और बस्तीया दाँव पर लगेगी।और गौरतलब है कि यह सब 
> डहाणु जैसे इको-सेंसेटिव्ह झोन में। हो रहा है,न्यायालय ने इस एरिया को 
> पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र धोषित कर के इस क्षेत्र में कोई भी 
> पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले प्रोजेक्ट पर रोक लगाई है,फिर भी विकास के 
> नाम पर सरकार पर्यावरण की अक्षम्य नुकसान करने पर तुली है ।महाराष्ट्र के 
> पालघर जिला के सिर्फ डहानु और पालघर ,तलासरी तालुका मे ही आदिवासीयों की 
> 7000-7500 एकड जमीन लुटनेवाली है । अन्य राज्य,जिला की जमीन जोडे तो होनेवाली 
> हानी होश उडानेवाली है। सुप्रिम कोर्ट का निरिक्षण है भारत में 40%आदिवासी 
> लोगों को सरकारी तथा निजी कंपनियों के खदान,डॅम,कारखाना आदि प्रोजेक्ट के लिए 
> बलपूर्वक विस्थापित किया गया है *।आज ईन प्रकृति रक्षक आदिवासीयों पर फिर से 
> विस्थापित क्यों करना चाहती है सरकार....??:- *
>  
>  
>
> On Tuesday, December 16, 2014 10:13:49 PM UTC+5:30, AYUSH Adivasi Yuva 
> Shakti wrote:
>
>>  
>>
>> पंतप्रधान आज खरच मनापासून असे म्हणत असतील तर उशिरा सुचलेले शहाणपण म्हणावे 
>> लागेल. परंतू आज यांना जर खरच सकारात्मकपणे आदिवासी जमीनी कोणी घेवु नये वाटत 
>> असेल तर सर्वात महत्त्वाचे म्हणजे सरकारी प्रकल्पासाठी सुद्धा आदिवासिंचा बळि 
>> जाणार नाही याचा विचार केला पाहिजे. 
>>
>> धरनांत गेलेल्या जमिनिंच्या हक्कांसाठी आमचे समाजबांधव गेल्या 40-50 
>> वर्षांपासून लढा देत आहेत. त्यांना न्याय मिळवुन देण्यास पुढाकार सरकारने 
>> घ्यावा. 
>>
>> आदिवासी अस्तित्व टिकवायचे असेल तर अत्यंत महत्त्वाचे म्हणजे राजकीय 
>> दबावापोटी बोगस आदिवासींची घुसखोरी रोखणे क्रमप्राप्त आहे.
>>
>> आदिवासी बोली, संस्कृती, परंपरा, उत्सव यांना सरकार दरबारी जपले जावे यासाठी 
>> ठोस पावले उचलावित. तसेच शैक्षणिक अभ्यासक्रमात आदिवासी मुलांच्या 
>> अपेक्शांचाही विचार केला जावा.
>>
>> पेसा, अनुसूची 5 व 6, वनहक्क कायदा यांची अंमलबजावणी करण्यास पुढाकार घ्यावा.
>>
>> मला याचे आश्चर्य वाटते की जंगलातील वृक्ष, पक्षी, खनिजे, प्राणी, पर्वत, गड 
>> हे सर्वांना दिसतात. त्यांच्या संवर्धनासाठी सर्वोतोपरी प्रयत्न केले जात 
>> आहेत. परंतू या सर्वांचा पाठीराखा आदिवासी जगला पाहिजे याचा विचार कुणाच्या 
>> मनाला शिवत नाही.
>>
>> आदिवासींच्या गरजा, हक्क, मागण्या पूर्ण करण्यासाठी आदिवासी नेतृत्व आणि 
>> संघटन सक्षम असणे गरजेचे आहे. यात प्रत्येकाचा पुढाकार अत्यंत महत्त्वाचा अअहे.
>>
>>
>>
>>
>> On Tuesday, December 16, 2014 7:35:27 AM UTC+5:30, AYUSH activities 
>> wrote: 
>>>
>>>  आज्ज्ये खरच
>>> जमलस तर मला माफ कर
>>> सन्मान करायच्या वयात
>>> हा मनस्ताप तू सहन कर
>>>  
>>> आज्ज्ये खरच 
>>> जमलस तर मला माफ कर.....
>>>
>>>
>>>
>>> On Monday, December 15, 2014 9:04:44 PM UTC+5:30, AYUSH Adivasi Yuva 
>>> Shakti wrote: 
>>>>
>>>>
>>>>
>>>> On Saturday, December 13, 2014 10:13:06 PM UTC+5:30, AYUSH Adivasi Yuva 
>>>> Shakti wrote: 
>>>>>
>>>>>  
>>>>> *Save Land, Save Tribal.... Save nation!*
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>>
>>>>> On Sunday, June 9, 2013 2:24:32 PM UTC+5:30, AYUSH Adivasi Yuva Shakti 
>>>>> wrote: 
>>>>>>
>>>>>>  News 
>>>>>>
>>>>>>  
>>>>>>
>>>>>>  
>>>>>>  
>>>>>> *From:* Nitin Bombade [mailto:nbomb...@gmail.com] 
>>>>>> *Sent:* 09 June 2013 14:05
>>>>>> *To:* AYUSH Adivasi Yuva Shakti; Sunil Parhad
>>>>>> *Subject:* news
>>>>>>
>>>>>>  
>>>>>>
>>>>>>
>>>>>>
>>>>>> -- 
>>>>>> nitin bombade  
>>>>>>
>>>>>

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